ग़ज़ल
(ग़ज़ल )
बहर-1222 1222 1222 1222
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
क़ाफ़िया तुकांत -आर
रद़ीफ पदांत -लिख देना
1.कभी फ़ुर्सत मिले तो साथी हमें भी तार (ख़त) लिख देना
गिले शिकवे सभी अच्छे बुरे बेज़ार लिख देना।
2.ख़ुशी के पल बिताए हम मुहब्बत में कश़िश बाकी
पिरोकर माल यादों की बसी झनकार लिख देना।
3. शुरू कैसे हुई थी वो हमारे प्यार की बातें …
कभी इकरार फिर इंकार हाॅं तकरार लिख देना।
4. ज़माने में रहें कैसे जुदा होकर सनम तुमसे…
दुआ हो जब सभी की तो वही आधार लिख देना ।
5.कहानी इश्क़ की “योगी ” सदा होती अलग आई
ख़जाना रास आया तो किसी को प्यार लिख देना।
योगमाया शर्मा
कोटा राजस्थान