जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
ऐसा लगे कि प्यार की बरसात हो गई
हम इस तरह से रह रहे यादों की कैद में
जैसे ये ज़िन्दगी ही हवालात हो गई
चिंता में उनकी जाने क्या क्या सोचने लगे
पर मिल गया सुकून जब उनसे बात हो गई
इतना नशा है इश्क का अब होश भी नहीं
कब दिन हुआ है और कब ये रात हो गई
हम तो नदी के छोर थे पर फिर भी मिल गये
किस्मत से देखिए ये करामात हो गई
अब तो हमारा दिल भी हमारा नहीं रहा
आँखों से अपनी कैसी खुराफात हो गई
ये पक्षपात है नहीं तो क्या है ‘अर्चना’
अपने ही मोहरे और यहाँ मात हो गई
डॉ अर्चना गुप्ता
30.04.2024