ग़ज़ल
ये गीत गजल है, दिल की धड़कन मेरी
प्रीत लगी है इसमें यही तो है लगन मेरी
सारी चिंताओं को कर देती है परे सबकी
संवारती है दिल की सारी उलझन मेरी
कभी तन्हा नहीं छोड़ती रहती दिल के पास
रहती सदा लबों पे बनके अंजुमन मेरी
काव्य से है धड़कता ये दिल मेरा
बिन इसके जीवन है घुटन मेरी
सांसों में बहता लहू की तरह
सुलझाते हैं सारे चिंतन मेरी
ममता रानी
झारखंड