(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
मुक्तक
जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
भावनाओं का मुझको सहारा मिले।
तन से धन से किसी के लिए तुम रहो,
मेरे दिल को तो इक साथ प्यारा मिले।
……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी
मुक्तक
जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
भावनाओं का मुझको सहारा मिले।
तन से धन से किसी के लिए तुम रहो,
मेरे दिल को तो इक साथ प्यारा मिले।
……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी