Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2022 · 1 min read

ग़ज़ल

ग़ज़ल ——

जब किताबों के पन्ने पलटने लगे ।
बंद पिंजरों के ताइर चहकने लगे॥

उनसे महफ़िल में नज़रें ये क्या मिल गईं
प्यार के गीत दिल से निकलने लगे ।।

खो गयी थी हँसी जाने कब की कहाँ,
आपसे मिल के हम फिर से हँसने लगे ।।

बाद अरसे के फिर आपको देखकर,
इन निगाहों में जुगनू चमकने लगे ।।

तुमसे बिछड़ी तो “ममता”बिखर ही गई,
फूल भी मुझको नश्तर से चुभने लगे ।।

डाॅ0 ममता सिंह
मुरादाबाद

(2)

300 Views

You may also like these posts

जूनी बातां
जूनी बातां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
3419⚘ *पूर्णिका* ⚘
3419⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
पधारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
पधारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
Neelam Sharma
ना चाहते हुए भी
ना चाहते हुए भी
हिमांशु Kulshrestha
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
अर्चना मुकेश मेहता
*आते हैं जग में सदा, जन्म-मृत्यु के मोड़ (कुंडलिया)*
*आते हैं जग में सदा, जन्म-मृत्यु के मोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बदसलूकी
बदसलूकी
Minal Aggarwal
कोई  दर्द  दे  गया  ,कोई  अँदलीब दे गया  ,
कोई दर्द दे गया ,कोई अँदलीब दे गया ,
Neelofar Khan
गीतिका .....
गीतिका .....
sushil sarna
*जीवन के गान*
*जीवन के गान*
Mukta Rashmi
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
खेतवे में कटे दुपहरिया (चइता)
खेतवे में कटे दुपहरिया (चइता)
आकाश महेशपुरी
आहत हो कर बापू बोले
आहत हो कर बापू बोले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुन्दरता।
सुन्दरता।
Anil Mishra Prahari
"समझाइश"
Dr. Kishan tandon kranti
जो उसने दर्द झेला जानता है।
जो उसने दर्द झेला जानता है।
सत्य कुमार प्रेमी
Sharing the blanket
Sharing the blanket
Deep Shikha
बेचैन स्मृतियां
बेचैन स्मृतियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
एक राष्ट्रवादी
एक राष्ट्रवादी
योगी कवि मोनू राणा आर्य
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आसमान - घौंसला !
आसमान - घौंसला !
पूर्वार्थ
Stories whose plots are often untouched and mysteries are un
Stories whose plots are often untouched and mysteries are un
Chaahat
वो भी क्या दिन थे ...
वो भी क्या दिन थे ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
दो शे'र ( चाँद )
दो शे'र ( चाँद )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
Sonam Puneet Dubey
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
VINOD CHAUHAN
तिरस्कार में पुरस्कार
तिरस्कार में पुरस्कार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
✨मुस्कुराना आसान होता है पर मुस्कुराहट के पीछे का राज जानना
✨मुस्कुराना आसान होता है पर मुस्कुराहट के पीछे का राज जानना
Aisha mohan
Loading...