ग़ज़ल
आज की #ग़ज़ल
इसी बह्र पर👇
“मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोये ”
गमे दिल किसी से बताना नहीं है,
हमें हाल दिल का जताना नहीं है।
सजा दे गया वो सनम मेरा प्यारा,
किसी और से दिल लगाना नहीं है।
सुहाना लगे अब मुहब्बत तुम्हारा,
नज़र से इसे तो गिराना नहीं है।
हमेशा रखूँ मैं हृदय में बसाकर,
कि दिल आपका यूँ दुखाना नहीं है।
अगर हो सके पास आना सनम जी,
समय अब हमें भी गँवाना नहीं है ।
सदा चाहती “रंजना” पाक दिल से,
अजी आपको ये बताना नहीं है ।
©®
रंजना सिंह “अंगवाणी बीहट “