ग़ज़ल
प्राप्ति प्यार की होने से दुख कम होने लगता है।
यादों के मौसम में मन पुरनम होने लगता है।।1
भीड़ भरे चौराहे पर जब भी नज़र घुमाता हूँ,
मशरूफ सभी के होने का भ्रम होने लगता है।।2
छाँव दरख्तों की फूलों की खुशबू कहाँ खो गई,
एक रोज सब खो जाने का गम होने लगता है।।3
जब भी वतनपरस्ती में लोग फना हो जाते हैं,
श्रद्धा में उनके आगे सर खम होने लगता है।।4
तू सबका सब तेरे हैं सुनता आया बचपन से,
दर पर जा देखा तो शक हमदम होने लगता है।।5
डाॅ. बिपिन पाण्डेय