ग़ज़ल – याद आयेगा हमें …..
याद आयेगा हमें …..
जान ले लेगा हमारी मुस्कुराना आपका
इस गली का हर बशर अब है दिवाना आपका
बारिशों में बाम पर वो भीगती अगड़ाइयाँ
आँख से जाता नहीं वो रुख छुपाना आपका
हम गली के मोड़ पर हैं आज तक ठहरे हुए
सोचते हैं हो गया गुम क्यों ठिकाना आपका
दिल लगा कर तोड़ना तासीर है ये आपकी
दूर जाने का नहीं अच्छा बहाना आपका
वो गिराना खिड़कियों से पर्चियाँ इकरार की
याद आयेगा हमें सदियों जमाना आपका
सुशील सरना /12-3-24