Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2024 · 1 min read

ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है

आज भी वो याद में मेरा घराना ढूंढता है।
जो उसे मैंने लिखा वो खत पुराना ढूंढता है।

आदमी दो वक्त की रोटी कमाने के लिए ही,
ठोकरें खाता हुआ बस कारखाना ढूंढता है।

भूख से ऐंठा हुआ है पेट उसका इस कदर तो,
दरबदर हर मोड़ पर वो आब दाना ढूंढता है।

बात मन की कर रहा है बात मन की है नहीं ये।
देश का नेता यहां केवल खज़ाना ढूंढता है।

जो थका पंछी कभी उड़ता हुआ गर आसमां पर,
ताक मैं बैठा शिकारी तो निशाना ढूंढता है।

जिन परिंदों ने बनाया था कभी ना घोंसला खुद ।
वक्त का मारा हुआ अच्छा ठिकाना ढूंढता है।

अब भला हो भी भला किसका यहां मेरे खुदा सुन।
आज तो हर बात में मतलब जमाना ढूंढता है।

दौर ये साथी कज़ा का कब तलक चलता रहेगा।
घूमने का दिल मिरा कोई बहाना ढूंढता है।

रूप हो सुंदर जरूरी है नहीं वो चाह दिल की।
साफ दिल की हीर हो वो दिल दिवाना ढूंढता है।

पुष्पेन्द्र पांचाल

Tag: Poem
1 Like · 81 Views

You may also like these posts

"दस्तूर-ए-हयात"
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
लिखता हू नाम उनका पन्नों की दीवारों में
लिखता हू नाम उनका पन्नों की दीवारों में
देवराज यादव
कुछ भी नहीं मुफ्त होता है
कुछ भी नहीं मुफ्त होता है
gurudeenverma198
अब  रह  ही  क्या गया है आजमाने के लिए
अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
हरवंश हृदय
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
कवि रमेशराज
■ निर्णय आपका...
■ निर्णय आपका...
*प्रणय*
Maybe this is me right now
Maybe this is me right now
Chaahat
आदमी और गधा
आदमी और गधा
Shailendra Aseem
दिल से दिल तो टकराया कर
दिल से दिल तो टकराया कर
Ram Krishan Rastogi
सपने सुहाने
सपने सुहाने
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
"हिन्दी और नारी"
Dr. Kishan tandon kranti
लखनऊ शहर
लखनऊ शहर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मन का आँगन
मन का आँगन
Mamta Rani
अर्थार्जन का सुखद संयोग
अर्थार्जन का सुखद संयोग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
- कर्म किए जाओ -
- कर्म किए जाओ -
bharat gehlot
श्रद्धा के दो फूल
श्रद्धा के दो फूल
आकाश महेशपुरी
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
शेखर सिंह
हम मुकद्दर से
हम मुकद्दर से
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
2603.पूर्णिका
2603.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
राशिफल से आपका दिन अच्छा या खराब नही होता बल्कि कर्मों के फल
राशिफल से आपका दिन अच्छा या खराब नही होता बल्कि कर्मों के फल
Rj Anand Prajapati
विषय-हारी मैं जीवन से।
विषय-हारी मैं जीवन से।
Priya princess panwar
क्या गिला क्या शिकायत होगी,
क्या गिला क्या शिकायत होगी,
श्याम सांवरा
बेटियां ही अपने बाप के लिए एक सर्वश्रेष्ठ परिचय होती हैं
बेटियां ही अपने बाप के लिए एक सर्वश्रेष्ठ परिचय होती हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
प्रकृति इस कदर खफा हैं इंसान से
प्रकृति इस कदर खफा हैं इंसान से
Harinarayan Tanha
शब्द पिरामिड
शब्द पिरामिड
Rambali Mishra
Loading...