ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र…)
थाम लोगे तुम अग़र…
थाम लोगे तुम अग़र तो आसरा मिल जाएगा।
ज़िंदगी जीने की ख़ातिर हौंसला मिल जाएगा।।
ख़ूबसूरत साथ पाकर ग़म से पाएंगे निज़ात।
ख़ुशनुमां यूँ इश्क़ का इक रास्ता मिल जाएगा।।
इक क़दम जो तुम बढ़ाओ,इक क़दम मैं भी बढ़ूं।
है भरोसा दोस्ती का सिलसिला मिल जाएगा।
हमसफर बन साथ दो तो ख़ुशनुमां होगा सफ़र।
ज़िन्दगी में प्यार -का हर गुल खिला मिल जाएगा।।
कर्ज़ धरती का चुकाना चाहती है “रागिनी”।
साथ पाये जो सजन का हल नया मिल जाएगा।।
डॉक्टर रागिनी शर्मा,इंदौर