Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2024 · 1 min read

गहरे जख्म

गहरे जख्म भी अपने देते है,
जो सहे भी नहीं जाते,
और कहे भी नहीं जाते।
फिर भी उनको दूर नहीं कर पाते।।

ये कैसा रिश्ता है अपनो से,
जिनको तोड़ भी नहीं सकते।
जिनको मोड़ भी नहीं सकते,
ये कैसा प्यार है अपनो से।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
अफसोस मुझको भी बदलना पड़ा जमाने के साथ
अफसोस मुझको भी बदलना पड़ा जमाने के साथ
gurudeenverma198
चल पनघट की ओर सखी।
चल पनघट की ओर सखी।
Anil Mishra Prahari
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
Chaahat
“ख़्वाब देखे मैंने कई  सारे है
“ख़्वाब देखे मैंने कई सारे है
Neeraj kumar Soni
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
मन की डोर
मन की डोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"क्यों नहीं लिख रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
शिक़ायत है, एक नई ग़ज़ल, विनीत सिंह शायर
शिक़ायत है, एक नई ग़ज़ल, विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (गीत)*
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (गीत)*
Ravi Prakash
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
11. एक उम्र
11. एक उम्र
Rajeev Dutta
गांव
गांव
Bodhisatva kastooriya
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
सत्य कुमार प्रेमी
4558.*पूर्णिका*
4558.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
Satish Srijan
भड़ोनी गीत
भड़ोनी गीत
Santosh kumar Miri
दोहा पंचक. . . .
दोहा पंचक. . . .
sushil sarna
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
पूर्वार्थ
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
Rj Anand Prajapati
🙅पक्की गारंटी🙅
🙅पक्की गारंटी🙅
*प्रणय*
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
****दोस्ती****
****दोस्ती****
Kavita Chouhan
मोबाइल
मोबाइल
Dr Archana Gupta
संन्यास के दो पक्ष हैं
संन्यास के दो पक्ष हैं
हिमांशु Kulshrestha
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
विषधर
विषधर
आनन्द मिश्र
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
Loading...