*गले में हार होता है 【मुक्तक】*
गले में हार होता है 【मुक्तक】
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दिखावे के लिए झूठा कभी सत्कार होता है
कभी पालक-पिता का छल-भरा व्यवहार होता है
अरे बकरे ! मिले सम्मान की तह में जरा जाओ
कभी कटने से पहले भी गले में हार होता है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451