गर तूने मुझे और वक़्त दिया होता
गर तूने मुझे , और वक़्त दिया होता
मैं तेरे गुलशन को , महकाता
कोशिश करता इस जहां को, तेरा नूर बनाने की
तेरी रह चलता , तेरा अजीज़ हो पाता
गर तूने मुझे , और वक़्त दिया होता
मैं तेरे गुलशन को , महकाता
कोशिश करता इस जहां को, तेरा नूर बनाने की
तेरी रह चलता , तेरा अजीज़ हो पाता