गर्व से कहो हम…
कइसे गर्व
करीं हम भाई
देतअ तनी
हमके समझाई…
(१)
ऊंच-नीच के
भेद बा जेइमें
भाड़ में जाव
अइसन धरमाई…
(२)
मंदिर-मस्जिद
बन गईला से
हमरा घर के
खरची ना आई…
(३)
बसिया रोटी
लइका खाला
फाटल लुगा
पहिने लुगाई…
(४)
काहां जाता
मजदूर के मेहनत
का होता
किसान के कमाई…
(५)
कापी-किताब
सब महंगा भईल
छूट गईल
बच्चन के पढ़ाई…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#दर्द #गीतकार #कविता #bhojpuri
#lyricist #tribes #दलित #आदिवासी
#देशभक्ति #Labour #गरीब #चुनाव #हक़