गर्मी और नानी का घर
गर्मी आई, छुट्टी भी साथ,
नानी के घर चलने की बात।
बैग में भरें कपड़े और खिलौने,
नानी के घर की यादें निराले।
नानी के घर में मिठाई की खुशबू,
हर दिन वहाँ हो जैसे त्योहारों का जश्न।
आम के बाग में खेलें दिन भर,
नानी के संग बिताएँ खुशियों का सफर।
गर्मी की धूप, पर घर में ठंडक,
नानी की कहानियाँ सुनें, खो जाएं सब।
परियों की बातें, राजा-रानी की कहानी,
नानी की गोद में सोना, कितना प्यारा पल।
नानी के हाथ का खाना, स्वाद निराला,
हर व्यंजन में हो मानों प्यार का मसाला।
खीर, पूरी, और पकोड़ी,
सब कुछ हो जैसे, मन को छू लेने वाली।
रात को छत पर तारे गिनें,
नानी के संग सपनों में बिनें।
लोरी सुनकर मीठी नींद आ जाए,
नानी के घर का सुख, सबसे अनमोल हो जाए।
गर्मी की छुट्टी हो नानी के संग,
हर दिन बने नया रंग।
नानी का घर, प्यार का ठिकाना,
गर्मी की छुट्टियों का सबसे प्यारा अफसाना।