Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2022 · 1 min read

गरीबी पर लिखे अशआर

कोई गुरबत समझ नहीं सकता ।
भूख हिम्मत निचोड़ देती है ।।

सारे इलज़ाम इसके माथे पर ।
मुफ़लिसी बे’ गुनाह नहीं होती ।।

जानता है वही जो इसको ढोता है।
कितना भारी गरीबी का बोझ होता है ।।

कोई हमदर्द हो गरीबी का ।
कोई सिल दे लिबास गुरबत का ।।

वो हक़ीक़त पसंद होती है।
मुफ़लिसी ख़्वाब थोड़ी देखेगी ।।

राहतें ज़िंदगी को मिल जाती।
भूख बे’हिस अगर नहीं होती ।।

ये एहसास-ए-महरूमी
तेरी क्यों नहीं जाती ।
ऐ ग़रीबी तेरी सूरत
बदल क्यों नहीं जाती ।।

बात अच्छी है बस अमीरी की।
तुम गरीबी का ज़िक्र मत करना ।।

डॉ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
10 Likes · 671 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
इश्क़
इश्क़
शिवम "सहज"
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
पूर्वार्थ
विदाई गीत
विदाई गीत
Suryakant Dwivedi
अकेला
अकेला
Vansh Agarwal
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह  हौसलों से होती है , तलवारो
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह हौसलों से होती है , तलवारो
Neelofar Khan
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
Neelam Sharma
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
सत्य कुमार प्रेमी
छल छल छलके आँख से,
छल छल छलके आँख से,
sushil sarna
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
Dr.Pratibha Prakash
जिस्मानी इश्क
जिस्मानी इश्क
Sanjay ' शून्य'
संस्कार
संस्कार
Rituraj shivem verma
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
नास्तिकों और पाखंडियों के बीच का प्रहसन तो ठीक है,
नास्तिकों और पाखंडियों के बीच का प्रहसन तो ठीक है,
शेखर सिंह
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
Ravi Prakash
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
याद जब
याद जब
Dr fauzia Naseem shad
"यादें" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
Monika Arora
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
अब हमारे देश में
अब हमारे देश में "नाबालिग़" का मतलब है "लाइसेंस होल्डर क्रिमि
*प्रणय*
"बलिदानी यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
4105.💐 *पूर्णिका* 💐
4105.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
यूँ ही राह तकता रहता हूं किसी राहगुज़र की,
यूँ ही राह तकता रहता हूं किसी राहगुज़र की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
खुदा तू भी
खुदा तू भी
Dr. Rajeev Jain
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
Shweta Soni
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
Loading...