Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2021 · 1 min read

गरमी का लहर

आया मौसम
गरमी का लहर
लू का कहर -1

तेज धूप से
छाँव का इंतजार
पेड़ का छाँव -2

ग्रीष्म का ऋतु
महुआ टप – टप
धरती चूमे -3

वृक्ष की डाली
राहगीर की छांव
पथिक डेरा -4

राहत पाओ
पेड़ पौधा लगाव
शीतलता दो -5

ठंडी बयार
लोगों का इंतजार
सुबह शाम -6

गर्मी बहुत
वसुंधरा तपती
आग्नि उगले -7

ऋतु चार है
सबकी महता है
प्रकृति देन -8

शुभ संदेश
न ज्यादा गर्मी ठंडी
मन को भाय -9

#किसानपुत्री_शोभा_यादव

Language: Hindi
507 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
Anil chobisa
💐प्रेम कौतुक-557💐
💐प्रेम कौतुक-557💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
★किसान ★
★किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
■ ब्रांच हर गांव, कस्बे, शहर में।
■ ब्रांच हर गांव, कस्बे, शहर में।
*Author प्रणय प्रभात*
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उजाले को वही कीमत करेगा
उजाले को वही कीमत करेगा
पूर्वार्थ
साथी है अब वेदना,
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
****मैं इक निर्झरिणी****
****मैं इक निर्झरिणी****
Kavita Chouhan
23/63.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/63.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
-जीना यूं
-जीना यूं
Seema gupta,Alwar
परवाज़ की कोशिश
परवाज़ की कोशिश
Shekhar Chandra Mitra
बदलता साल
बदलता साल
डॉ. शिव लहरी
ज़माने   को   समझ   बैठा,  बड़ा   ही  खूबसूरत है,
ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
!! शब्द !!
!! शब्द !!
Akash Yadav
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कुशादा
कुशादा
Mamta Rani
भूलकर चांद को
भूलकर चांद को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"प्रेम"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
सुन लो बच्चों
सुन लो बच्चों
लक्ष्मी सिंह
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
Keshav kishor Kumar
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
आराम का हराम होना जरूरी है
आराम का हराम होना जरूरी है
हरवंश हृदय
भाव - श्रृँखला
भाव - श्रृँखला
Shyam Sundar Subramanian
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
Loading...