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31 May 2024 · 1 min read

गमों को हटा चल खुशियां मनाते हैं

गमों को हटा चल खुशियां मनाते हैं
उस चांद को आज सीने से लगाते है
वैसे तो एक्जाम खत्म कर सिनेमा जातें हैं
ऐसा करते हैं हम ‘मधुशाला’ चलें जातें हैं

-केशव

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