Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 1 min read

अबकी बार

अबकी बार
नहीं जाने दूंगी
अपने पिया को
परदेश.

प्राणों से भी प्यारा है
अपना घर, अपना गाँव
अपना देश
अपना स्वदेश.

अकेले का जीवन भी
कोई जीवन है
न दर्द बांटा, न दुख
न बीतता कोई क्षण शेष.

क्या करते हैं
कैसे रहते हैं
कहाँ बताते हैं
न आता कोई सन्देश.

क्या कहूँगी
बढ़ते जिज्ञासु बच्चों को
उनके बिना कैसे दे पाऊँगी उन्हें
अच्छा परिवेश.

बैठूंगी उनके पास
बैठ कर बातें करुँगी/ समझाऊंगी
मना लुंगी उन्हें
देकर कसम अशेष.
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️@रचना – घनश्याम पोद्दार
मुंगेर

235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ghanshyam Poddar
View all
You may also like:
आज कल परिवार में  छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
आज कल परिवार में छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
पूर्वार्थ
कविता _ रंग बरसेंगे
कविता _ रंग बरसेंगे
Manu Vashistha
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इस बार
इस बार "अमेठी" नहीं "रायबरैली" में बनेगी "बरेली की बर्फी।"
*प्रणय*
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
Lokesh Sharma
मेरे पास सो गई वो मुझसे ही रूठकर बेटी की मोहब्बत भी लाजवाब ह
मेरे पास सो गई वो मुझसे ही रूठकर बेटी की मोहब्बत भी लाजवाब ह
Ranjeet kumar patre
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
रुपेश कुमार
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
Ravi Prakash
वक़्त जो
वक़्त जो
Dr fauzia Naseem shad
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
इशरत हिदायत ख़ान
रंगों को मत दीजिए,
रंगों को मत दीजिए,
sushil sarna
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिस्म से रूह को लेने,
जिस्म से रूह को लेने,
Pramila sultan
You are driver of your life,
You are driver of your life,
Ankita Patel
बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
Rajesh Kumar Arjun
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फ़ुरसत
फ़ुरसत
Shashi Mahajan
ये जो मीठी सी यादें हैं...
ये जो मीठी सी यादें हैं...
Ajit Kumar "Karn"
4399.*पूर्णिका*
4399.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू अब खुद से प्यार कर
तू अब खुद से प्यार कर
gurudeenverma198
........,?
........,?
शेखर सिंह
"क्यों नहीं लिख रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
मौसम....
मौसम....
sushil yadav
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
स्वयं को बचाकर
स्वयं को बचाकर
surenderpal vaidya
माना आज उजाले ने भी साथ हमारा छोड़ दिया।
माना आज उजाले ने भी साथ हमारा छोड़ दिया।
सत्य कुमार प्रेमी
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
डॉक्टर रागिनी
Loading...