गद्दारी
रहना -खाना मेरे भारत में ,
और गुणगान दुश्मन देश का करना ।
वाह खूब आता है तुम्हें जिस थाली में
खाना उसी में छेद करना ।
रहना -खाना मेरे भारत में ,
और गुणगान दुश्मन देश का करना ।
वाह खूब आता है तुम्हें जिस थाली में
खाना उसी में छेद करना ।