गणेश वंदना
गजानन दो ऐसा वरदान
सेवा में लग जाए यह तन
बनूं नेक इंसान
गजानन दो ऐसा वरदान
देवों में तुम देव निराले
प्रथम पूज्य की पदवी वाले
रिद्धि सिद्धि बुद्धि पाने
पड़ा शरण में आन
गजानन दो ऐसा वरदान
शंकर सूत्र गौरी के जाए
मोदक आपको भोग में बाय
मुसक आप की शान
गजानन दो ऐसा वरदान
पान फूल से थाल सजा के
धूप दीप से आरती गाके
करूं सदा गुणगान
गजानन दो ऐसा वरदान
भक्तजन की रक्षा करना
दुर्बुद्धि को मन से हरना
करो सब का कल्याण
गजानन दो ऐसा वरदान
“राजेश व्यास”(अनुनय)