गणेश वंदना
विघ्न हरण मंगल करता,
जग में खुशियों के भरता,
जहां जहां कदम तू धरता,
हर लेता तू जग की जड़ता,
गौरी नंदन दुःख के हरता,
हाथ जोड़ मैं प्रार्थना करता।
देवों में जो प्रथम बिराजे,
जाके सारे काज हैं साजे,
वो हैं मेरे श्री गणेशा,
कृपा दृष्टि प्रभु करो हमेशा,
काल चक्र भी जिनसे डरता,
हाथ जोड़ मैं प्रार्थना करता।
सिद्धि विनायक देह विशाला,
करुणामय प्रभु शिव के लाला,
जय मनोजमय जय सुख दाता,
रिद्धि सिद्धि के आप प्रदाता,
जा बिन कोई काज न परता,
हाथ जोड़ मैं प्रार्थना करता।
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अशोक शर्मा,कुशीनगर, उ.प्र.
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