गणपति स्वागत है
द्वार- द्वार वंदनवार सजे ,
सिद्ध शुभागत है।
धन्य भाग्य जो घर पर आये ,
गणपति स्वागत है ।।
भाद्र चतुर्थी आप पधारे ,
मन प्रमुदित अपना ।
लड्डू तुमको भोग लगाऊँ ,
तृप्त हुए नयना ।।
पंचामृत से करूँ आचमन ,
रूप नवागत है ।
धन्य भाग जो घर पर आये ,
गणपति स्वागत है ।।
लाल मखमली चौक विराजो ,
शिवनंदन वदना ।
वक्रतुंड शुभ मंगल दाता ,
अभिनन्दन रचना ।।
श्रध्दा सुमन देव स्वीकारो ,
शुचिता आगत है ।
धन्य भाग जो घर पर आये ,
गणपति स्वागत है ।।
सहस नाम का गाऊँ मंगल
शुभ कारज करिए ।
धूप दीप अरु भोग चढ़ाऊँ ,
विघ्न सकल हरिए ।।
तेरी कृपा दृष्टि से पाऊँ ,
यहाँ तथागत है ।
धन्य भाग जो घर पर आये ,
गणपति स्वागत है ।।
—– डॉ सुनीता सिंह ” सुधा “वाराणसी
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