Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2020 · 1 min read

” गणना “

प्यार – यारी की पारदर्शिता ।
दोस्ती – दो अस्तित्व का मिलन ।
विश्वास – विष भी अमृत बन जाना ।

प्यार = विश्वास + दोस्ती
विश्वास = प्यार + दोस्ती
दोस्ती = प्यार + विश्वास

प्यार = विश्वास = दोस्ती

? धन्यवाद ?

✍️ ज्योति ✍️

Language: Hindi
4 Likes · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all
You may also like:
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रंग रंगीली होली आई
रंग रंगीली होली आई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कृष्ण की राधा बावरी
कृष्ण की राधा बावरी
Mangilal 713
कह रहा है वक़्त,तुम वफादार रहो
कह रहा है वक़्त,तुम वफादार रहो
gurudeenverma198
मित्र होना चाहिए
मित्र होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
भाग्य निर्माता
भाग्य निर्माता
Shashi Mahajan
"सूखे सावन" का वास्ता सिर्फ़ और सिर्फ़ "अंधों" से ही होता है।
*प्रणय प्रभात*
तमाम उम्र जमीर ने झुकने नहीं दिया,
तमाम उम्र जमीर ने झुकने नहीं दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तत्वहीन जीवन
तत्वहीन जीवन
Shyam Sundar Subramanian
" फौजी "
Dr. Kishan tandon kranti
होली के मजे अब कुछ खास नही
होली के मजे अब कुछ खास नही
Rituraj shivem verma
*लब मय से भरे मदहोश है*
*लब मय से भरे मदहोश है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
Shekhar Chandra Mitra
आंख मेरी ही
आंख मेरी ही
Dr fauzia Naseem shad
मन तो मन है
मन तो मन है
Pratibha Pandey
गीत- कभी हँसकर कभी रोकर...
गीत- कभी हँसकर कभी रोकर...
आर.एस. 'प्रीतम'
"तर्पण"
Shashi kala vyas
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
आज का चयनित छंद
आज का चयनित छंद"रोला"अर्ध सम मात्रिक
rekha mohan
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरी अर्थी🌹
मेरी अर्थी🌹
Aisha Mohan
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
अरशद रसूल बदायूंनी
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
Sonam Puneet Dubey
नदी की मुस्कान
नदी की मुस्कान
Satish Srijan
2967.*पूर्णिका*
2967.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कहानी का ऐसा किरदार होना है मुझे,
कहानी का ऐसा किरदार होना है मुझे,
पूर्वार्थ
Loading...