गज्जूली-भाग 1 (खुदा गवाह )
मध्य प्रदेश का एक जिला छिंदवाड़ा जहाँ एक 11 साल का लडका रहता था उसको सब प्यार से गज्जू बुलाते थे l
उसके घर के पास ही 5 साल की एक लड़की ज़िसका नाम जूली था उसकी नानी का घर था, जूली अक्सर गर्मियो मे अपनी नानी के घर आती थी और जब भी वो आती दोनो मिलकर आपस मे बहुत खेलते… जूली का ज्यादा वक़्त अपनी नानी के यहाँ से ज्यादा गज्जू के यहा ही बीतता l
गज्जू की माँ अपने हाथों से जूली को दाल चावल खिलाती ,वो उस परिवार मे बहुत घुल मिल गई थी l
एक बार की बात है सिनेमाहाल मे नई पिक्चर “खुदा गवाह ” लगी तो गज्जू अपने पूरे परिवार के साथ पिक्चर देखने जाने के लिए तैयार हो गया तो जूली भी उसके साथ हो ली…
सिनेमा हाल घर के थोड़ा पास ही था तो सब पेदल ही चल पड़े
जूली छोटी थी, तो कभी गज्जू उसको गोद मे लेता कभी उसकी बहन और ऐसे एक के बाद एक गोदी मे होते हुए जूली सिनेमा हाल पहुच जाती है l
पूरी पिक्चर गज्जू की गोद मे ही बैठकर देखती है पिक्चर तो उसको समझ नही आती पर हा उसको मज़ा बहुत आता है पिक्चर के बीच ही जूली की स्लीपर अंधेरे मे गुम जाती है जो आखिरी मे मिल भी जाती है l
सब ख़ुशी ख़ुशी पिक्चर देखकर आ जाते है और आते वक़्त भी जूली सबकी गोद मे ही आती है….कही न कही आने वाले वक़्त मे जूली और गज्जू के रिश्ते का गवाह वो खुदा रहता है l
जब तक जूली नासमझ होती हैं वो दोनो गर्मियो मे मिलकर अक्सर साथ खेलते थे पर जैसे जैसे जूली को समझ आने लगा की क्लास मे लडका और लड़की अलग बैठेते हैं तब से वो भी गर्मियो मे नानी के यहा तो आती पर गज्जू से कभी नही मिलती,पर मुलाकात यहा खत्म नही होती ये तो सिर्फ इस रिश्ते की नीव थी पूरी ईमारत बन ना बाकी था….शेष अगले भाग मे