गजानन
गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई
गणपति
हे गौरी पुत्र गजानन
हे विध्न हरता विनायक
गौरी पुत्र गणेश चतुर्थी भुजा
धारी गजराज।
शिव गौरी के पुत्र लाडले विनती सुनो महाराज।
भक्तों के दुख हरने वाले
गोष्ठी के सरताज।
देवो में प्रथम पूज्य हो
बड़े भ्राता राज दुलारे
कार्तिके के अनूज।
बहन देव सेना करती
प्रेम अपार करते उनके
काज।
हम मोदक भोग लगाते तुम बनाते हमारे काज।
तुम हरते नाथ सभी संताप
नैया प्रभु करते पार
्रखते हम सब की तुम लाज।
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को
पुजन तेरा सभी करते मिट जाते संताप
देखे आज कोई भी चांद
चढ़ता है उसको पाप।
द्वारकाधीश ने देखा भाद्र चतुर्थी का चाँद चोरी लगी थी चढ़ा था ताप।
सूर्य देव का भक्त मिली
मणि उपहार में करता था
वह जाप।
पहन के मणि गया दरबार में
सभी बोले ये मणि राजा को
शोहे देदो द्वारकाधीश को
बोला नहीं यह मेरी है किया अर्जित उनका जाप।
विध्न हरता हरते सबकी
पीड़ प्रभु का संकट हरते आप।
प्रथम पूज्य सबके आप गणपति महाराज
करते नमन नाथ सिद्ध करे सबके शुभ काज।
-सीमा गुप्ता,अलवर,राजस्थान