गज़ल (राखी)
रेशमी धागा कोई हर हाथ बंधाना चाहिए।
रेशमी नाता ये तहे दिल निभाना चाहिए।।
भाई पर विश्वास हर बहिन की आस है।
राखी का भाई को मान बड़ाना चाहिए।।
हुमायूं ने भी था रखा मान राखी का कभी।
हिंदू ना मुस्लिम का ये अतीत पढ़ना चाहिए।।
सजा चंदन से माथा वीर सैनिक जो खड़े।
वीर के माथे को टीके से सजाना चाहिए।।
चांद धरती का है भाई था किताबों में पढ़ा।
ले चांद पे राखी यूं ही प्रज्ञान जाना चाहिए।।
नाता है ये नहीं राखी के दिन का ही बस।
राखी का ये नेक रिश्ता ताउम्र निभाना चाहिए।।
***************************************
उमेश मेहरा
गाडरवारा (एम पी)
9479611151