गजल
हिफाजत गरीबी करावल गइल बा
गरीबन क सपना देखावल गइल बा
पियासल रहे जब उ पानी खतीरा
शराबी सभेके बनावल गइल बा
कबो ना गइल देस से सब गरीबी
दिमागी गरीबी मिटावल गइल बा
कइल बा जवन पाँच साले के वादा
कबो ना उ वादा निभावल गइल बा
सरेआम रोजे घुमत बा उ बहरा
जुबानी कहानी सुनावल गइल बा
अमीरी गरीबी फरक देस में बा
मड़इयाँ त फुस के जरावल गइल बा
जरावल मड़इया गरीबन क छाती
धनिक के महलिया बनावल गइल बा
गणेश नाथ तिवारी”विनायक”