गजल/उसकी बाहों में ये हसीन रात आखिरी होगी
उसकी बाहों में ये हसीन रात आखिरी होगी।
उनसे दूर होकर बर्बाद ये मेरी जिंदगी होगी।।
हर कोई यही कहता कि वो तुम्हें दगा दे गई।
मुझे मालूम है उसकी भी कुछ मजबूरी होगी।।
आईने के आगे खुद को मासूम बताने वाले।
लगता है तुम्हारी भी किसी से दुश्मनी होगी।।
हर कोई उसके पीछे पड़ा है पागलों की तरह।
उससे बेहतर भी जहां में कोई लड़की होगी।।
मैं उसके लिए ताउम्र रोता रहूं ये मुमकिन है।
बस वो मेरे हालात पर जोरों से हंसती होगी।।
————- रवि सिंह भारती————
पता- मुजफ्फरपुर (बिहार)
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