गंगा
गंगा
गंगा स्नान
भारत की रिवाज
पुरानी बात -1
भारत की नदी
धरा पर बहती
मां कहलाती -2
पाप नाशती
निर्मल गंगाजल
अनगिनत -3
बहुत नाम
भागीरथ, ज्हान्वी
पवित्र गंगा-4
सभ्यता वेदों
की साक्षी स्थल है
पावन गंगा-5
मोक्ष का धाम
गंगासागर स्नान
सदैव मिला -6
गंगा बहती
शंकर की जटा में
कैलाश पर -7
भागीरथ के
घोर तप से गंगा
जल बहती-8
अति वेग से
उछलती कुदती
धरा पे आई -9
बारह मास
अविरल बहती
ना ठहरती -10
सब नदियों
में गंगा की धारा है
पवित्र करा 11
पापी जन को
तीनों लोकों में देती
शुद्धता तन -12
शुद्ध शीतल
गंगाजल जीवन
सुलभ प्रप्ति -13
माँ गंगा लाज
बचाती दानव को
गलतियों से -14
कल्याणमयी
विशाल भू सिंचती
जीवन देती -15
मुक्ति का द्वार
सांस्कृतिक आधार
रीति संस्कार-16
गंगा में स्नान
सारे पापों का नाश
पुण्य की प्राप्ति -17
गंगा किनारे
अनेक तीर्थ स्थल
भव्य दर्शन-18
प्यास बुझाती
जीव जन्तु पालती
माँ कहलाती -19
गंगा का पानी
कभी सड़ता नहीं
विशेष शक्ति-20
औषधि गुण
रोग प्रतिरोधक
शक्ति वर्धक-21
देश की आत्मा
जन-जन की मैया
ममता भरा-22
वैभवशाली
अति गौरवशाली
अध्यात्ममयी-23
गंगा दूषित
बड़ी दुख की बात
करो उपाय-24
जल जीवन
का आधार होती है
मां जैसी गंगा -25