Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2024 · 1 min read

ख्वाहिश

ख्वाहिश
ख्वाहिश तो यह है, कि
काश कोई ख्वाहिश ही ना होती।
दिन का चैन और रात की
नींद तो बरक़रार रहती ।।
उम्रे गुज़र जाती है,
ख्वाहिशों के मकड़जाल में।
आख़िर में ख्वाहिशें
कहां है जो पूरी होती ।।
– ओमप्रकाश भार्गव,
पिपरिया

128 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्र गुजर जाती है
उम्र गुजर जाती है
Chitra Bisht
**** दर्द भरा मुक्तक *****
**** दर्द भरा मुक्तक *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" जिन्दगी के पल"
Yogendra Chaturwedi
जिसे सपने में देखा था
जिसे सपने में देखा था
Sunny kumar kabira
भूत अउर सोखा
भूत अउर सोखा
आकाश महेशपुरी
मायके से लौटा मन
मायके से लौटा मन
Shweta Soni
प्रत्याशी को जाँचकर , देना  अपना  वोट
प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट
Dr Archana Gupta
वफ़ाओं ने मुझे लूट लिया,
वफ़ाओं ने मुझे लूट लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मैं" एहसास ऐ!
Harminder Kaur
एक ही आसरौ मां
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
So many of us are currently going through huge energetic shi
So many of us are currently going through huge energetic shi
पूर्वार्थ
मैं
मैं
Dr.Pratibha Prakash
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
क्या होता होगा
क्या होता होगा
Shambhavi Johri
कुछ नमी अपने साथ लाता है ।
कुछ नमी अपने साथ लाता है ।
Dr fauzia Naseem shad
🌹हार कर भी जीत 🌹
🌹हार कर भी जीत 🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
Ashwini sharma
52.....रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन
52.....रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन
sushil yadav
एक चाय में बेच दिया दिल,
एक चाय में बेच दिया दिल,
TAMANNA BILASPURI
दोहा पंचक. . . . . पत्नी
दोहा पंचक. . . . . पत्नी
sushil sarna
वर्ल्डकप-2023 सुर्खियां
वर्ल्डकप-2023 सुर्खियां
गुमनाम 'बाबा'
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
" लोग "
Dr. Kishan tandon kranti
एक
एक
*प्रणय*
*मुंडी लिपि : बहीखातों की प्राचीन लिपि*
*मुंडी लिपि : बहीखातों की प्राचीन लिपि*
Ravi Prakash
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
शाम ढलते ही
शाम ढलते ही
Davina Amar Thakral
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
Kshma Urmila
मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों का ठहर जाना,
मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों का ठहर जाना,
Phool gufran
...........!
...........!
शेखर सिंह
Loading...