ख्वाहिश
ख्वाब तो नवाबों वाले, तिनके तोडने नहीं दो,
विचारधारा बीच मझधार,कहते फँसे रहण दो,
कहते फँसे रहण दो, निकले हों, सब इकसार,
देखो सब बाट नहीं होता सबका सम व्यवहार
होते सर्व काम जगत में करते है सब पालनहार
बिन काटे कटते नहीं प्रपंच सृष्टि के ये आसार
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस