Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2020 · 1 min read

ख्वाब

आपकी नजरों से ,यू ना जायेंगे हम
जब बी बुलाओगे ,दौडकर आयेंगे हम
पलकों के, द्वार तो ,बन्द करो देव
तभी तो आपके ख्वाबों में ,आयेंगें हम

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का कल होगा
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का कल होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
अच्छी बात है
अच्छी बात है
Ashwani Kumar Jaiswal
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
Shiva Awasthi
बचपन
बचपन
Vedha Singh
गरीब की आरजू
गरीब की आरजू
Neeraj Agarwal
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
Rekha khichi
"सारे साथी" और
*Author प्रणय प्रभात*
गैरों से जायदा इंसान ,
गैरों से जायदा इंसान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हमने भी ज़िंदगी को
हमने भी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
नूरफातिमा खातून नूरी
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
डॉक्टर रागिनी
It All Starts With A SMILE
It All Starts With A SMILE
Natasha Stephen
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अपना मन
अपना मन
Harish Chandra Pande
दोस्ती में हर ग़म को भूल जाते हैं।
दोस्ती में हर ग़म को भूल जाते हैं।
Phool gufran
मजा आता है पीने में
मजा आता है पीने में
Basant Bhagawan Roy
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
Ravi Prakash
" लोग "
Chunnu Lal Gupta
साधना
साधना
Vandna Thakur
अब क्या करे?
अब क्या करे?
Madhuyanka Raj
हरि हृदय को हरा करें,
हरि हृदय को हरा करें,
sushil sarna
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
प्राची संग अरुणिमा का,
प्राची संग अरुणिमा का,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
VINOD CHAUHAN
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
ओसमणी साहू 'ओश'
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
2674.*पूर्णिका*
2674.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...