ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
सूरत तेरी चांद सी प्यारी ” ” सीधी सादी लगती है*
कैसे कह दूंँ उन तारों से मुझको लाकर दे खुशियां*
पूनम की वो रात चांदनी खुद अपराधी लगती है*
© डॉ कुलदीप ‘कुंदन’ ✍️