खोया है हरेक इंसान
सपनों की दुनिया में ही
खोया है हरेक इंसान
सपनों के पीछे भाग के
वो पा रहा नए मुकाम
सपने सच होते तब जब
वो करे शिद्दत से प्रयास
अपनी मंजिल पर पहुंच के
बढ़ता मानव का उल्लास
कुछ सपनों के बिखरने
से मानस से जाते हैं टूट
अवसाद औ निराशा चट
कर जाती है उनका वजूद
सपनों की प्रकृति औ फल
पर कीजिए हृदय से विचार
फिर उनको मूर्त रूप देने को
कीजिए जरूरी उद्यम बारंबार