खोना साहस तुम नहीं
खोना साहस तुम नहीं, कैसी भी हो राह।
पाना ही है मंजिलें, ऐसी हो मन चाह।।
ऐसी हो मन चाह, बीज हिम्मत के बोना।
बीतेगी जब रात, सबेरा ही है होना।।
आलस से हो रार, तभी पाओगे सोना।
पथ में कांटे लाख, मगर हिम्मत मत खोना।।
खोना साहस तुम नहीं, कैसी भी हो राह।
पाना ही है मंजिलें, ऐसी हो मन चाह।।
ऐसी हो मन चाह, बीज हिम्मत के बोना।
बीतेगी जब रात, सबेरा ही है होना।।
आलस से हो रार, तभी पाओगे सोना।
पथ में कांटे लाख, मगर हिम्मत मत खोना।।