तुम्हीं सदगुरु तारणहार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
करवा चौथ घनाक्षरी ( हास्य)
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
बापूजी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दोहा पंचक . . . अन्तर्जाल
सुकून
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
" ऐसा रंग भरो पिचकारी में "
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से