दोस्तों बात-बात पर परेशां नहीं होना है,
तुम आये हो तो बहारों ने मुझे घेर लिया ,
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
Not a Choice, But a Struggle
प्यार जिंदगी का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*नई समस्या रोजाना ही, जीवन में आ-आ जाती है (राधेश्यामी छंद)*
जो दिखाते हैं हम वो जताते नहीं
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )