खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
ग़म की चादर में अश्क भी छुपाये जाते हैं
सुशील सरना / 27-1-24
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
ग़म की चादर में अश्क भी छुपाये जाते हैं
सुशील सरना / 27-1-24