खुशी को छोड़ कर आ जाइये
दर्द की सारी हदों को तोड़ कर आ जाइये
इश्क का दरिया जरा सा मोड़ कर आ जाइये
हर घड़ी खुशियाँ मयस्सर, है मगर ये इल्तिजा
वक्ते’ रुखसत पर खुशी को छोड़ कर आ जाइये
©
शरद कश्यप
दर्द की सारी हदों को तोड़ कर आ जाइये
इश्क का दरिया जरा सा मोड़ कर आ जाइये
हर घड़ी खुशियाँ मयस्सर, है मगर ये इल्तिजा
वक्ते’ रुखसत पर खुशी को छोड़ कर आ जाइये
©
शरद कश्यप