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5 Sep 2022 · 1 min read

खुशी के रंग

खुशी के रंग में डूबे

अजब खुमार के दिन

गुजर गए ना जाने

कब बहार के दिन..

अजीब है मेरेख्वाबो

ख्याल की दुनिया

गुजर के भी नहीं गुजरे

ये इंतजार के दिन….

ज़रा सा उस ने मुहब्बत

से मेरा नाम क्या लिया

तो आ गए है

महफिलो

पे फिर रंगो निखार के दिन

वो और लोग थे

जो वादे का पास रखते थे
वो क्या जाने।होते है क्या
इंतजार के दिन..

बढ़ा अजीब है..

ये दस्तूर_मुहब्बत का
बहुत कमज़रफ़
ये ज़माना है
बे_खता को देता है
खता वार
के दिन….

खुदा की इबादत

मुहब्बत की पैरवी

इसलिए जिंदगी

मैं रहते हैं..

सदा बहार..

के दिन…

शबीना ज़ी

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 212 Views
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