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27 Nov 2019 · 1 min read

खुशियों की सौगात !!

पाई-पाई जोड़ता, पिता यहाँ दिन रात !
देता हैं औलाद को, खुशियों की सौगात !!

माँ बच्चो की पीर को, समझे अपनी पीर !
सिर्फ इसी के पास है, ऐसी ये तासीर !!

भाई से छोटे सभी, सोना-मोती-सीप !
दुनिया जब मुँह मोड़ती, होता यही समीप !!

बहना मूरत प्यार की, मांगे ये वरदान !
भाई को यश-बल मिले, लोग करे गुणगान !!

पत्नी से मिलता सदा, फूलों-सा मकरंद !
तन-मन की पीड़ा हरे, रचें प्यार के छंद !!

सच्चा सुख संतान का, कौन सका है तोल !
नटखट-सी किलकारियां, लगती है अनमोल !!

जीजा – साली में रही, बरसों से तकरार !
रहती भरी मिठास से, साली की मनुहार !!

मन को लगती राजसी, सालों से ससुराल !
हाल-चाल सब पूछते, रखते हरदम ख्याल !!

सास-ससुर के रूप में, मिलते हैं माँ बाप !
पाकर इनको धन्य है, जीवन अपने आप !!

✍ सत्यवान सौरभ

ईमेल: satywanverma333@gmail.com
कांटेक्ट: परी वाटिका, कौशल्या भवन , बरवा (सिवानी) भिवानी, हरयाणा – 127045
मोबाइल :9466526148,01255281381

Language: Hindi
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