*खुल गए बाजार (कोरोना-गीत)*
खुल गए बाजार (कोरोना-गीत)
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खुल गए बाजार ,कोरोना मिला
( 1 )
एक अच्छे आदमी के वेश में
दिख रहा था वह सहज परिवेश में
था मगर लाचार , कोरोना मिला
( 2 )
मास्क मैंने था लपेटा जोर से
नाक मुख दोनों ढके हर ओर से
दूर छह फिट पार , कोरोना मिला
( 3 )
सैनिटाइज थी जगह सारी भली
कुछ नहीं उस दुष्ट की हरगिज चली
दी करारी हार , कोरोना मिला
खुल गए बाजार ,कोरोना मिला
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451