Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2021 · 1 min read

“ खुले लम्हों “

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
====================
मुक्त हो गया ,
आज़ाद हो गया ,
खुले लम्हों का ,
एहसास हो गया !

बन्दिशें हर घड़ी ,
सही नहीं जाती ,
घुटन देर तक ,
रोकी नहीं जाती !!
बन्दिशें हर घड़ी ,
सही नहीं जाती ,
घुटन देर तक ,
रोकी नहीं जाती !!

सही जीने का ,
आभास हो गया ,
खुले लम्हों का ,
एहसास हो गया !!

भूख की ज्वाला ,
धधक रही थी ,
बच्चे ,बुड्ढे, स्त्रियाँ ,
जल रहीं थीं !!
भूख की ज्वाला ,
धधक रही थी ,
बच्चे ,बुड्ढे, स्त्रियाँ ,
जल रहीं थीं !!

जीकर मरने का ,
इंतजाम हो गया ,
खुले लम्हों का ,
एहसास हो गया !!

धर्म युद्धों में ,
सदा बंटता रहा ,
एक दूसरे से ,
सदा भिड़ता रहा !!
धर्म युद्धों में ,
सदा बंटता रहा ,
एक दूसरे से ,
सदा भिड़ता रहा !!

भाषा विवाद सबका ,
विवादित हो गया ,
खुले लम्हों का ,
एहसास हो गया !!

गान शासक का ,
आखिर क्यों करें ,
प्यार से आभार ,
आखिर क्यों करें ?
गान शासक का ,
आखिर क्यों करें ,
प्यार से आभार ,
आखिर क्यों करें ?

जनमानस दुखों से ,
निराश हो गया ,
खुले लम्हों का ,
एहसास हो गया !!

हिंसा ,लूट, धोखा ,
में कौन रहेगा ,
राम राज्य स्वप्न ,
पूरा कौन करेगा ?
हिंसा ,लूट, धोखा ,
में कौन रहेगा ,
राम राज्य स्वप्न ,
पूरा कौन करेगा ?

इन वादों से ,
परेशान हो गया ,
खुले लम्हों का ,
एहसास हो गया !!

मुक्त हो गया ,
आज़ाद हो गया ,
खुले लम्हों का ,
एहसास हो गया !!
================
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
05 .10 ॰2021

Language: Hindi
Tag: गीत
250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
Priyank Upadhyay
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
शेखर सिंह
बहुत
बहुत
sushil sarna
प्यार जताना नहीं आता ...
प्यार जताना नहीं आता ...
MEENU SHARMA
परेशानियों से न घबराना
परेशानियों से न घबराना
Vandna Thakur
नींद
नींद
Kanchan Khanna
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हरवंश हृदय
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
Sapna Arora
..
..
*प्रणय*
4792.*पूर्णिका*
4792.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
बड़े ही फक्र से बनाया है
बड़े ही फक्र से बनाया है
VINOD CHAUHAN
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रींगस वाली राह पकड़कर
रींगस वाली राह पकड़कर
अरविंद भारद्वाज
क्यों इस तरहां अब हमें देखते हो
क्यों इस तरहां अब हमें देखते हो
gurudeenverma198
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
shabina. Naaz
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
Ravi Betulwala
"सफलता कुछ करने या कुछ पाने में नहीं बल्कि अपनी सम्भावनाओं क
पूर्वार्थ
*चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों (मुक्तक)*
*चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों (मुक्तक)*
Ravi Prakash
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
"अब भी"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
लम्हें यादों के.....
लम्हें यादों के.....
कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
Loading...