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18 Feb 2021 · 1 min read

*”खुली किताब”*

मुक्तक –
“खुली किताब”
खुली किताब के पन्नों में खो जाती ,
जीवन जीने की ललक है जगाती,
अकेलापन में सहारा दे जाती ,
चेतना जागृत कर सृजन कराती।
शशिकला व्यास ✍️

Language: Hindi
192 Views
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