खुला सा रख l
खुला सा रख l
बुलबुला सा रख l
ना आशा रख l
सुख है लेना l
सीख ले, अगोरना l
राज, खोल ना l
ध्यान ही धन l
एसा रहे चलन l
नमन मन l
अरविन्द व्यास ” प्यास “
खुला सा रख l
बुलबुला सा रख l
ना आशा रख l
सुख है लेना l
सीख ले, अगोरना l
राज, खोल ना l
ध्यान ही धन l
एसा रहे चलन l
नमन मन l
अरविन्द व्यास ” प्यास “