खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता “अयन”
खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता “अयन”
उनके आने से खुद से दो-चार हो जाते थे
आजकल वो भी हैं हमसे रुठे हुए
जिनकी सांसों से हरसूं फूल खिल जाते थे
M.T.”Ayan”
खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता “अयन”
उनके आने से खुद से दो-चार हो जाते थे
आजकल वो भी हैं हमसे रुठे हुए
जिनकी सांसों से हरसूं फूल खिल जाते थे
M.T.”Ayan”