(*खुद से कुछ नया मिलन*)
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
* सार दीवारों में एक वो लड़का कही कैद हो गया।।
*न जाने आज वो कहा रहता है,,
* नही किसी से मिलता जुलता हैं,,
* कया हो गया है उसे वो किस दुनिया में खो गया है।।
* अब वो सेमा सेमा सा क्यों रहता है क्यों खुद की बाते अब भी बताता नही क्यो कया हो गया है।।
*अब वो वापिस नए से पुराना होना चाहता हू,,
*कुछ उसमे अलग सा कुछ उसमे अपनी कलाकारी सीपी है वो अलग करना चाहता भीड़ से हटकर कुछ नया करना चाहता है।।
*वो हर पल उन चार दिवारी में कैद हुए ये सोचता की में नया क्यों हो गया मुझसे अब और नहीं हो पाएगा कब तक में दूसरों के बल पर जीता रहुगा।।
*मुझे भीड़ का हिस्सा नहीं बनना है भीड़ से अलग हटकर कुछ करना।।
*फिर अपने अंदर बैठे उस कलाकार बाहर लाता है,,
*और कलाकारी दिखना शुरू कर देता,, और फिर वो वापिस कहता,, नए से पुराना होना है।।
* फिर वो वापिस नए से पुराना होने को चोचता है।।