Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2024 · 1 min read

खुद को महसूस

खुद को महसूस खुद ही हो जाएं ,
ज़ब्त की हद से गर गुज़र जाएं ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बात पते की कहती नानी।
बात पते की कहती नानी।
Vedha Singh
समय एक जैसा किसी का और कभी भी नहीं होता।
समय एक जैसा किसी का और कभी भी नहीं होता।
पूर्वार्थ
उम्मीद है दिल में
उम्मीद है दिल में
Surinder blackpen
अपनेपन की आड़ में,
अपनेपन की आड़ में,
sushil sarna
हम करें तो...
हम करें तो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
युग अन्त
युग अन्त
Ravi Shukla
*जानो कीमत वोट की, करो सभी मतदान (कुंडलिया)*
*जानो कीमत वोट की, करो सभी मतदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
Phool gufran
कितने पन्ने
कितने पन्ने
Satish Srijan
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
सही को गलत से दूर रहना चाहिए
सही को गलत से दूर रहना चाहिए
Sarita Pandey
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कर्म की भावना बरकरार रखो,
कर्म की भावना बरकरार रखो,
Ajit Kumar "Karn"
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
भरोसा सब पर कीजिए
भरोसा सब पर कीजिए
Ranjeet kumar patre
"लोगों की सोच"
Yogendra Chaturwedi
4806.*पूर्णिका*
4806.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुद को पागल मान रहा हु
खुद को पागल मान रहा हु
भरत कुमार सोलंकी
पहली दस्तक
पहली दस्तक
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
...
...
*प्रणय*
The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
तनहा विचार
तनहा विचार
Yash Tanha Shayar Hu
*शिक्षक*
*शिक्षक*
Dushyant Kumar
जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला;
जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला;
पंकज कुमार कर्ण
देखिए लोग धोखा गलत इंसान से खाते हैं
देखिए लोग धोखा गलत इंसान से खाते हैं
शेखर सिंह
रूबरू  रहते हो ,  हरजाई नज़र आते हो तुम ,
रूबरू रहते हो , हरजाई नज़र आते हो तुम ,
Neelofar Khan
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
Manisha Manjari
मोबाइल महिमा
मोबाइल महिमा
manorath maharaj
"ला-ईलाज"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...