Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2023 · 1 min read

खुद को भी

खुद को भी जीने का एक ढंगा सिखा दो।
हंसते हुए चेहरे से हंसी गम की उड़ा दो ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
"रविवार दो कर दे"
Dr. Kishan tandon kranti
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
तस्वीर तुम इनकी अच्छी बनाओ
तस्वीर तुम इनकी अच्छी बनाओ
gurudeenverma198
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
Ranjeet kumar patre
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
छोटी-छोटी बात पर ,
छोटी-छोटी बात पर ,
sushil sarna
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
आत्मसंवाद
आत्मसंवाद
Shyam Sundar Subramanian
शहर में मजदूर तबका केवल भाड़ा और पेट भरने भर का ही पैसा कमा
शहर में मजदूर तबका केवल भाड़ा और पेट भरने भर का ही पैसा कमा
Rj Anand Prajapati
वाकई, यह देश की अर्थव्यवस्था का स्वर्ण-काल है। पहले
वाकई, यह देश की अर्थव्यवस्था का स्वर्ण-काल है। पहले "रंगदार"
*प्रणय*
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
हे मानव! प्रकृति
हे मानव! प्रकृति
साहित्य गौरव
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
दिल खुश हो तो सब अच्छा लगता है.......
दिल खुश हो तो सब अच्छा लगता है.......
shabina. Naaz
कविता के मीत प्रवासी- से
कविता के मीत प्रवासी- से
प्रो०लक्ष्मीकांत शर्मा
मै थक गया
मै थक गया
भरत कुमार सोलंकी
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बेवजह यूं ही
बेवजह यूं ही
Surinder blackpen
अर्थी चली कंगाल की
अर्थी चली कंगाल की
SATPAL CHAUHAN
हम इतने भी मशहूर नहीं अपने ही शहर में,
हम इतने भी मशहूर नहीं अपने ही शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिंदी दोहे-पुरवाई
हिंदी दोहे-पुरवाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
बेकसूर तुम हो
बेकसूर तुम हो
SUNIL kumar
दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
अरशद रसूल बदायूंनी
4801.*पूर्णिका*
4801.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
Ajit Kumar "Karn"
*आदत*
*आदत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ हम लड़के भी है  जो सिर्फ या तो मां के प्रेम के अधीर इतने
कुछ हम लड़के भी है जो सिर्फ या तो मां के प्रेम के अधीर इतने
पूर्वार्थ
Loading...