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27 Jul 2024 · 1 min read

खुद को खुद से मिलाना है,

खुद को खुद से मिलाना है,

चलो एक गीत सुनाता हूँ,
जिसमें धुन की धार न हो,
सफर यदि लंबा भी हो,
शून्य से विस्तार न हो।

क्या मतलब यदि फूल खिले नहीं,
आज यह यदि चिंता न हो?
घर उपवन से सजे नहीं,
आज सांसारिक व्यथा न हो।

क्योंकि आज मिलने जाना है,
अब तक जो अंजाना था,
खुद को खुद से मिलाना है,
जिसे मुश्किल समझा था।

Bindesh kumar jha

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